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IPS Sanjukta Parashar: 15 महीने में किए 16 एनकाउंटर, इस लेडी IPS अफसर के नाम से कांपते हैं अपराधी, जानें Success Story

नई दिल्ली: देश में कई ऐसे (fearless) IPS अधिकारी हैं जिनकी बहादुरी और तेज-तर्रार अंदाज की कहानियां सुन अपराधी थर-थर कांपते हैं। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी महिला अधिकारी की जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और बेखौफ अंदाज से पुलिस महकमे में अलग पहचान बनाई है। इस लेडी आईपीएस अफसर का नाम है संजुक्ता पराशर (IPS Sanjukta Parashar)। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह युवाओं के लिए भी (inspiring example) बन चुकी है।

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डिग्रियों का दमदार कलेक्शन

IPS संजुक्ता पराशर की शख्सियत सिर्फ उनके पुलिसिया दबदबे तक ही सीमित नहीं है। भाई उनकी एजुकेशन की लिस्ट सुनकर आप कहेंगे इतनी पढ़ाई आखिर कैसे। संजुक्ता का जन्म 3 अक्टूबर 1979 को असम में हुआ। स्कूलिंग वहीं की लेकिन ग्रेजुएशन के लिए पहुंच गईं दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज। यहां उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन (Graduation) किया।

अब कहानी यहीं खत्म थोड़ी न होती है। इसके बाद संजुक्ता ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इंटरनेशनल रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। और तो और यूएस फॉरेन पॉलिसी में एमफिल और पीएचडी भी कर डाली। अगर ये पढ़ाई होती खाने की थाली तो इसे देखकर हर कोई कहता भाई प्लेट फुल है।

UPSC की धमाकेदार एंट्री

अब इतनी पढ़ाई का फायदा तो होना ही था। संजुक्ता पराशर ने 2006 में UPSC क्रैक किया और पूरे देश में 85वीं रैंक हासिल की। जबसे वो असम-मेघालय कैडर में आईं वहां का क्राइम रेट जैसे हवा में घुल गया। पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान भी उनका प्रदर्शन ऐसा था कि सीनियर अफसर भी बोले यह लड़की तो रिकॉर्ड बनाने आई है।

लेडी सिंघम की डराने वाली एंट्री

IPS संजुक्ता को अगर कोई एक लाइन में बयां कर सकता है तो वो है- “खतरों से खेलना इनका पेशा है।” जब वो 2015 में असम के जोरहाट जिले की एसपी बनीं तब उन्होंने उग्रवादियों से सीधा लोहा लिया। एक बार की बात है उग्रवादी एके-47 लेकर भाग रहे थे। संजुक्ता ने उन्हें घेरकर ऐसा रोका कि लोगों ने कहा ऐसा सिर्फ फिल्म में होता है।

एनकाउंटर क्वीन

असम के लोग उन्हें यूं ही आयरन लेडी ऑफ असम नहीं कहते। भाई यहां उन्होंने ऐसे-ऐसे एनकाउंटर किए जहां नॉर्मल ऑपरेशन करना भी लोगों को डराता है। सिर्फ 15 महीने में 16 एनकाउंटर करके संजुक्ता ने अपराधियों के पसीने छुड़ा दिए। उनके नाम से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है। एक बदमाश ने जेल में जाकर कहा मुझे कहीं और शिफ्ट कर दो मैडम का नाम सुनते ही हालत खराब हो जाती है।

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बदमाशों की हवा टाइट

IPS संजुक्ता पराशर ने 64 से ज्यादा उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। वो सिर्फ उग्रवादियों के लिए ही खौफ नहीं हैं बल्कि सिस्टम की ढीली कड़ियों को कसने के लिए भी जानी जाती हैं।

उनके ऊपर कई बार जान से मारने की धमकियां भी आईं। लेकिन भई ये धमकी से डरने वालों में से नहीं। उन्होंने कहा “खौफ दिखाने से बेहतर है खौफ मिटाने का काम करो।”

लाखों युवाओं की प्रेरणा

आज IPS संजुक्ता पराशर की कहानी लाखों युवाओं को इंस्पायर करती है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो दुनिया की कोई ताकत आपको रोक नहीं सकती। उनका काम ऐसा है कि लोग उन्हें लेडी सिंघम आयरन लेडी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट जैसे नामों से पुकारते हैं।

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